कृषि विभाग द्वारा जारी अंतिम तिथि से पहले फटाफट करवाएं फसल बीमा

भारत में बहुत से लोग खेती-बाड़ी में लगे हुए हैं, आजकल हम बार-बार किसी ना किसी प्राकृतिक आपदा या फिर किसी अन्य दुर्घटना के चलते फसलों के खराब होने की खबर सुनते रहते हैं। ऐसे में हमारे देश में समय-समय पर फसलों का बीमा करने के लिए कई तरह की योजनाएं सामने लाई जाती रही हैं।

अगर किसान फसल का बीमा करवाते हैं :

● बीमा के तहत आने वाली कोई भी फसल अगर प्राकृतिक आपदा, कीट या बीमारी के कारण बर्बाद होती हैं, तो किसानों को उसके लिए वित्तीय समर्थन दिया जाता है। ● इन योजनाओं के तहत किसानों को एडवांस तरीके और अच्छी टेक्नोलॉजी के माध्यम से कृषि करने के लिए भी प्रेरित किया जाता है। ● अगर किसी वर्ष फसल अच्छी नहीं हो पाती है, तो वित्तीय तौर पर यह बीमा योजनाएं किसानों को स्थायित्व प्रदान करती हैं। ● कृषि क्षेत्र में ऋण के प्रभाव को सुनिश्चित करना। ● किसानों को एक स्थाई आय देकर उनके हितों की रक्षा करना।

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हाल ही में आई खबर के अनुसार छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के किसानों के लिए खुशखबरी है। शासन कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने मौसम आधारित फसल बीमा कराने के लिए तिथि निर्धारित कर दी है। कम तापमान, अधिक तापमान, ओलावृष्टि, और बेमौसम की बरसात आदि जैसी चीजों से बचाने के लिए यह एक पुनर्गठित बीमा योजना है। यह बीमा बागवानी फसलों के लिए करवाया जा सकता है। रबी की फसलों के लिए बीमा करवाने की अंतिम तिथि 15 दिसंबर 2022 रखी गई है। इस योजना के तहत जिन भी किसानों ने बागवानी फसलों की खेती की है, अगर प्राकृतिक आपदा के चलते उनकी फसल बर्बाद होती है तो वह बीमा के तहत वित्तीय लाभ उठा सकते हैं। नियम के अनुसार जो भी किसान बीमा करवा रहे हैं, उन्हें सूची में दी गई फसलों के अनुसार निर्धारित कुल बीमित राशि का अधिकतम 5 प्रतिशत या वास्तविक प्रीमियम जो भी कम हो उसे जमा करना होगा। किसान भले ही ऋणी हों या अऋणी यह राशि दोनों को ही जमा करना अनिवार्य हैं।

अऋणी किसान बीमा कैसे करवाएं?

अऋणी किसानों को फसल लगाने का एक प्रमाण पत्र देना होगा, जिसे वह स्वघोषित कर सकते हैं। इसके अलावा आधार कार्ड, बैंक पासबुक जिसमें उनका आईएफएससी कोड इत्यादि दिया गया हो उसे जमा करना अनिवार्य है। इन सब कागजों के जमा करवाने के बाद किसान बीमा करा सकते हैं।

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बीमा के लिए सूचित फसलों के नाम

मौसमी फसलें जो बीमा के लिए सूचित की गई हैं वह है टमाटर, बैगन, फूलगोभी, पत्तागोभी, प्याज और आलू। इस सेंटर, बजाज आलियांस जनरल इन्श्योरेंस कम्पनी के प्रतिनिधि, लोक सेवा केन्द्र, बैंक शाखा, सहकारी समिति और विकासखण्ड में स्थापित शासकीय आदि संस्थाओं को यह अधिकार दिया गया है, कि वह किसानों को बीमा प्रदान कर सकती हैं। देश में यह सुनिश्चित किया जा रहा है, कि बीमा से जुड़ी हुई सारी प्रक्रियाएं किसानों के लिए आसान की जा सकें। साथ ही, इस बात पर भी जोर दिया जा रहा है, कि एक बार फसल के बर्बाद होने के बाद बीमा की राशि को जारी करने में बहुत ज्यादा समय ना लगे। ताकि किसानों को कम से कम परेशानी का सामना करना पड़े।